1. इन तरीकों से बनाएं अपने घ ...

इन तरीकों से बनाएं अपने घर पर पढ़ाई का माहौल

7 to 11 years

Sadhna Jaiswal

4.5M बार देखा गया

4 years ago

इन तरीकों से बनाएं अपने घर पर पढ़ाई का माहौल

किशोरावस्था की ये उम्र यानि 11-16 साल की उम्र बच्चे के लिए बहुत ही भावात्मक रूप से परिवर्तन की उम्र होती है। और इसी समय बच्चे पर पढाई का भी बहुत ज्यादा प्रेशर होता है  बच्चे के माता पिता अपने बच्चों की पढ़ाई को ले कर ओवर कौन्शस हो जाते हैं। क्योकि उन्हें पता होता है की बच्चे के दसवी और बारहवी के बोर्ड के एग्जाम है और वो अपने बच्चे को फ़ोर्स करने लगते है की उसे ज्यादा पढाई करनी चाहिए। ऐसा करने से आप  अपने बच्चे की भावनाओं को दुख पहुंचाते हैं। माता-पिता को कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों के साथ उनका रिश्ता माता-पिता वाला होने के साथ- साथ दोस्ती का भी हो। इससे घर में माहौल भी सकारात्मक रहेगा और माता-पिता के लिए भी यह जानना आसान रहेगा कि कहीं बच्चा किसी तनाव की स्थिति से तो नहीं गुज़र रहा या कोई चीज़ उसके सोचने की शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव तो नहीं डाल रही। इसलिए बच्चों के साथ फ्रेंडली और हैल्दी रिश्ता बनायें और बच्चों को पढ़ाई के लिए घर में ही माहौल और तनावमुक्त वातावरण दें। आईये जानते है कुछ ऐसे तरीको के बारें में जिससे आप घर पर ही पढाई का माहौल बना सकते है।  


इन तरीकों से बनाएं अपने घर पर पढ़ाई का माहौल /Study environment at home

More Similar Blogs

    • बच्चो की पढाई का एक टाइम बनाये: बच्चे को अगर शुरू से पता हो की ये उसके पढने का टाइम है और इस समय उसे पढना ही है तो उस समय बच्चा अपने आप पढने बैठ जायेगा। पढने के टाइम पर बच्चे का सहयोग करें। ऐसा कोई काम ना करें, जिससे बच्चा डिस्टर्ब हो बच्चे के पढने का टाइम काफी लम्बा ना बनाये, बल्कि बीच-बीच में ब्रेक भी लेने के लिए कहें। आप अपने बच्चे के पढाई के समय को छोटे- छोटे टुकडो में बाँट दीजिये। बच्चे का किसी विषय या यूनिट पर दस घंटे रट्टा मारने से अच्छा है की बच्चा उसे कुछ हफ्तों तक दो-तीन घंटे के लिए ही पढ़े।   
       
    • डिस्कशन करें: बच्चों के साथ पढाई पर माता-पिता को रेगुलर डिस्कशन करना चाहिए, जो भी बच्चा याद करता  हैं उनके बारे में उससे सवाल पूछने चाहिए, साथ ही अगर बच्चे को कुछ सही ढंग से समझ नहीं आ रहा है तो पेरेंट्स को उसे आसान तरीके से समझाना चाहिए।  इससे चीज़ें ज़्यादा जल्दी याद होती हैं तथा लम्बे समय तक याद भी रहती हैं और अगर एक्ज़ाम्स के दौरान कभी बच्चा भूल भी जाये तो आपके साथ हुए डिस्कशन के कारण उसे भूली हुई चीज़ें भी याद जाएँगी।
       
    • बुकफेयर या प्रदर्शनी ले जाये: आजकल के मातापिता बच्चों को मूवी दिखाने ले जाते हैं, लेकिन कभी प्रदर्शनी या फिर बुकफेयर नहीं ले जाते। बुकफेयर ले जाना पेरेंट्स को समय और पैसे की बरबादी लगता है, जबकि यह गलत है बच्चों को बुकफेयर और दूसरी प्रदर्शनियों में जरूर ले जाएं। यहां पहुंच कर बच्चों को बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा। हो सकता है कि वे आप से कुछ सवाल भी करें। बच्चों में यदि सवाल करने की प्रवत्ति हो तो यह बहुत अच्छी बात है, क्योंकि ऐसे बच्चों में सीखने की लालसा बनी रहती है।  
       
    • इन्टरनेट पे सर्च करने से रोके नहीं: बच्चा यदि आप से इंटरनैट चलाने की जिद करें तो बच्चे को मना न करें, बल्कि उन्हें इंटरनैट पर सर्च करने का सही तरीका समझाएं, क्योकि हो सकता है उन्हें पढाई से रिलेटेड कुछ जानना हो। इसलिए बच्चों को कभी भी कोई काम करने से रोकें नहीं बल्कि उसके अच्छे और बुरे प्रभाव के बारे में उन्हें बताएं बच्चा क्या जानना चाहता है, उसके साथ डिसकस करें।   
       
    • पढाई के साथ खेलने का समय भी बनाये: कई बार पेरेंट्स बच्चे के पढने का समय तो बना देते है लेकिन खेलने का समय नहीं बनाते, उन्हें लगता है बच्चे के एग्जाम सर पर है तो खेलना बंद। लेकिन बच्चा पढाई में तभी ध्यान लगा पायेगा जब उसका दिमाग फ्रेश फील करेगा और फ्रेश फीलिंग बच्चे में खेलने के बाद ही आती है और तभी बच्चा ज्यादा ख़ुशी मन से पढ़ पायेगा। कई मातापिता बच्चों को आउटडोर गेम्स नहीं खेलने देते। ऐसे बच्चे जो सिर्फ घर में ही खेलते हैं, उन का आईक्यू लैवल कम होता है। उन की स्मरणशक्ति भी अधिक नहीं होती।  बच्चे को घर से बाहर खेलने जरूर भेजें, हो सके तो आप खुद भी उन के साथ जाएं।  

    अगर आप इन तरीको को अपनाये तो आप अपने बच्चे के लिए घर पर पढाई का एक अच्छा माहौल बना सकते है। घर का माहौल तनाव मुक्त रखें, ख़ासकर टीनएजर्स के लिए।  बच्चे पर पढाई के लिए ज्यादा दबाव ना डालें उसके लिए सकारात्मक माहौल बनाये। 

    Be the first to support

    Be the first to share

    support-icon
    Support
    bookmark-icon
    Bookmark
    share-icon
    Share

    Comment (0)

    Related Blogs & Vlogs

    Importance of Speech & Drama in Kids Grooming

    Importance of Speech & Drama in Kids Grooming


    7 to 11 years
    |
    699.2K बार देखा गया
    Why Sport Is a Better Teacher than The Classroom ?

    Why Sport Is a Better Teacher than The Classroom ?


    7 to 11 years
    |
    3.8M बार देखा गया
    Holiday Homework

    Holiday Homework


    7 to 11 years
    |
    242.6K बार देखा गया