इन तरीकों से बनाएं अपने घ ...
किशोरावस्था की ये उम्र यानि 11-16 साल की उम्र बच्चे के लिए बहुत ही भावात्मक रूप से परिवर्तन की उम्र होती है। और इसी समय बच्चे पर पढाई का भी बहुत ज्यादा प्रेशर होता है बच्चे के माता पिता अपने बच्चों की पढ़ाई को ले कर ओवर कौन्शस हो जाते हैं। क्योकि उन्हें पता होता है की बच्चे के दसवी और बारहवी के बोर्ड के एग्जाम है और वो अपने बच्चे को फ़ोर्स करने लगते है की उसे ज्यादा पढाई करनी चाहिए। ऐसा करने से आप अपने बच्चे की भावनाओं को दुख पहुंचाते हैं। माता-पिता को कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों के साथ उनका रिश्ता माता-पिता वाला होने के साथ- साथ दोस्ती का भी हो। इससे घर में माहौल भी सकारात्मक रहेगा और माता-पिता के लिए भी यह जानना आसान रहेगा कि कहीं बच्चा किसी तनाव की स्थिति से तो नहीं गुज़र रहा या कोई चीज़ उसके सोचने की शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव तो नहीं डाल रही। इसलिए बच्चों के साथ फ्रेंडली और हैल्दी रिश्ता बनायें और बच्चों को पढ़ाई के लिए घर में ही माहौल और तनावमुक्त वातावरण दें। आईये जानते है कुछ ऐसे तरीको के बारें में जिससे आप घर पर ही पढाई का माहौल बना सकते है।
अगर आप इन तरीको को अपनाये तो आप अपने बच्चे के लिए घर पर पढाई का एक अच्छा माहौल बना सकते है। घर का माहौल तनाव मुक्त रखें, ख़ासकर टीनएजर्स के लिए। बच्चे पर पढाई के लिए ज्यादा दबाव ना डालें उसके लिए सकारात्मक माहौल बनाये।
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