तनाव बन सकता है अच्छे मात ...
माता-पिता बनने के बाद आपके ऊपर खुद को तनाव मुक्त बनाये रखने की ज़िम्मेदारी भी बनी रहती है क्योंकि बच्चों को पालना बिलकुल आसान काम नहीं है. इतनी ज़िम्मेदारियाँ निभाते-निभाते तनाव हो जाना लाज़मी है लेकिन तनाव के साथ आप कभी भी माता-पिता होने की ज़िम्मेदारी अच्छे से नहीं निभा सकते. इसलिए जानिये तनाव कम करने के उपाय और आज से ही हो जाइये तानव-मुक्त.
1. अपनी साँसों पर ध्यान दें. दिन में जब भी वक़्त मिले, धीरे-धीरे गहरी और लम्बी साँसें लें. ये सरल तरीक़ा आपकी ज़िन्दगी बदल सकता है. जब भी तनाव महसूस हो, इसे आज़मायें और फ़र्क़ देखें. गहरी सांसें लेने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्र बढ़ती है और तनाव देने वाले हारमोंस कम होते हैं.
2. अपने लिए समय निकालें. दिन में ज़्यादा से ज़्यादा काम निपटा लेने के चक्कर में कई बार लोग अपने लिए समय निकालना ही भूल जाते हैं, जो तनाव का कारण बनता है. कुछ समय अगर आपका घर व्यवस्थित और साफ़ न रहे तो कुछ नहीं बिगड़ता, ऐसी छोटी-छोटी चीज़ों की चिंता करन छोड़ दें. सबकुछ ठीक रहे इससे ज़्यादा ज़रूरी ये है कि आप ठीक रहें.
3. पूरी नींद लें. नींद और तनाव का गहरा रिश्ता है. जब आप सोते हैं तब आपका शरीर आने वाले दिन के लिए ख़ुद को तैयार करता है. अगर आप सोने के समय को नियमित कर लें, तो तनावमुक्त रहने में बहुत मदद मिल सकती है.
4. बच्चों और ज़िम्मेदारियों के बीच स्वास्थ्य के लिए समय निकालना मुश्किल ज़रूर होता है लेकिन उतना ही ज़रूरी भी होता है. एक्सरसाइज़ तनावमुक्त रहने में बहुत मदद करती है. दिन में कम से कम 20 मिनट इसके लिए ज़रूर निकालें. इससे आपको अपने मूड में तुरंत बदलाव महसूस होगा.
5. ये उम्मीद न करें कि बच्चे कुछ ग़लत नहीं करेंगे. बच्चों के विकास के दौरान वो बच्चों जैसी हरक़तें करते हैं जो कि बिलकुल सामान्य है. इसके कारण तनाव में न रहें. कई बातों को आप हंस कर टाल सकते हैं.
6. बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए अपने प्यार को न रोकें. उन्हें सुधारना आपकी ज़िम्मेदारी ज़रूर है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आपको उनके साथ सख्त बने रहने की ज़रूरत है. आप उनके गुरु से पहले उनके माता-पिता हैं, ये न भूलें. जो आप प्यार से सिखा सकते हैं, वो गुस्से से कभी नहीं सिखा सकते.
7. हर चीज़ के परफ़ेक्ट होने की उम्मीद आपको तनाव के सिवा कुछ नहीं देगी. दुनिया में परफ़ेक्ट माता-पिता और परफ़ेक्ट बच्चों जैसा कुछ भी नहीं होता, इस बात को मान लें. जब आप हमेशा ख़ुद से परफ़ेक्ट बनने की उम्मीद करते हैं तो आप तनाव को बुलावा दे रहे हैं. सकारात्मक रहे, परफ़ेक्ट रहना ज़रूरी नहीं है.
8. आशावादी बनें और अपने जीवन की अच्छी चीज़ों की कद्र करें. जब भी आपको नकारात्मकता महसूस हो अपने जीवन की अच्छी चीज़ों के बारे में सोचें और उनके लिए ख़ुद को ख़ुशकिस्मत महसूस करें.
9. सपोर्ट ढूंढें, माता-पिता की ज़िम्मेदारी निभाना दुनिया के सबसे मुश्किल कामों में से एक है. इस काम में आपको कभी भी मदद की ज़रूरत पड़ सकती है. अपने साथी की जितनी हो सके मदद करें. अन्य माता-पिताओं से जुड़ कर उनके उनुभव जानें और अपने अनुभव साझा करें.
10. अपने पैशन या हॉबी के लिए वक़्त निकालें. ये थोड़ा सा वक़्त आपको सकारात्मकता से भर देगा. कई छोटी-छोटी चीज़ें भी अपको बेहतर महसूस करवा सकती हैं. शाम को सैर करना, शांत आसमान को देखना, किताब पढ़ना, आदि आज़माएँ. प्रकृति के क़रीब रहने से भी आपको सुकून का एहसास मिल सकता है.
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