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वो 10 गेम्स जो अब गुम हो गए, बच्चे के संग खेलिए फिर से

3 to 7 years

Sadhna Jaiswal

671.8K बार देखा गया

8 months ago

वो 10 गेम्स जो अब गुम हो गए, बच्चे के संग खेलिए फिर से

वो खेल जो हम खेला करते थे सच में बहुत याद आते है।  सोचकर ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। क्या दिन थे वो भी सच में। जब स्कूल से आने के बाद ही बस्ता रखकर खेलने के लिए दौड़ पड़ते थे। पहले से ही सारी प्लानिंग फिक्स होती थी, की कैसे, किसको, किसके घर से बुलाना है। छुपन-छुपाई, पोसम-पा, 16 पर्ची ढप, पिट्ठू, खो-खो, कबड्डी, रस्सी-टप्पा, टिप्पी-टिप्पी टैप, बैट-मिन्टन जैसे खेलो को बहुत मिस करती हूँ। दिन-दिन भर खेला करते थे, ना धुप की परवाह होती थी, ना ठण्ड की, ना लू लगने का डर।  बस दौड़ते ही रहते थे। कपडे कही, हम कहीं, बाल कही, जब तक मम्मी डंडा लेके पीछे ना दौड़े की होमवर्क करलो और पापा के घर पर लौटने से पहले वापस आना जुरुरी था। गर्मियों की छुट्टियों में बगीचों में आम इक्टठा करने की दौड़, पेड़ो पर चढ़ कर खेलना पैरो को लटका कर।  शाम को लाइट के भाग जाने पर सीधा छत पर पहुच जाते थे हम सब बच्चे छुपन-छुपाई खेलने के लिए।  अब तो बिजली के जाते ही जैसे लगता है मुसीबत ही आ गयी हो और उन दिनों तो हम बच्चे लाइट के भाग जाने का इंतजार ही किया करते थे  सच में वो सारे खेल जैसे कही गुम हो गए हो आज हम चाहकर भी अपने बच्चो के लिए वो माहौल नहीं बना सकते। आधुनिकता भरे इस जीवन ने विकास के नाम पर दिया तो बहुत कुछ पर हमसे छीना भी बहुत कुछ। आज हर जगह बस डर का माहौल बन गया है।  ये मत करो, बाहर मत जाओ, मिटटी में खेलोगे तो बीमार पड जाओगे, यहाँ मत चढो, यह गलती किसी और की नहीं हमारी ही है, हम खुद ही अपने बच्चो को बस डराने का काम करते है और बच्चे मोबाइल फोंस, विडियो गेम्स, इन्टरनेट एप्स, टीवी में ही बिजी हो जाते है।   

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वो 10 गेम्स जो अब गुम हो गए, बच्चे के संग खेलिए फिर से / These games will remind you of your childhood days in Hindi

  • वो गेम्स आप चाहे तो अपने बच्चो के साथ फिर से खेल सकती है। इससे आपकी भी यादें ताजा होंगी और आपके बच्चे को भी मजा आएगा। खेल-खेल में बच्चे जिंदगी जीना सीख जाते हैं। इसलिए उन्हें रोकें नहीं बल्कि खेलने दें। अगर आप चाहते है कि आपके बच्चे का विकास स्वस्थ तरीके से हो तो उसके लिए बच्चों के खेल खेलना बहुत ही जरूरी है। अगर आपके बच्चे किसी तरह का खेल नहीं खेलेंगे तो बच्चो के शरीर का विकास अच्छी तरह से नही होगा, न ही वह एक्टिव रहेगे। अभिभावक होने के नाते आपको यह जानना आवश्यक है कि बच्चों के जीवन में खेल के क्या फायदे हैं। अगर आप बच्चों को उनके बचपन में खेलने से रोक रहे हैं तो वास्तव में आप उनका बचपन उनसे छीन रहे हैं।
  • खेलने वाले बच्चे निष्क्रिय बच्चो की तुलना में अच्छी तरह ध्यान केन्द्रित कर पाते है और अपने मस्तिस्क का उपयोग भी अच्छी से कर पाते है। 
  • खेलो के दौरान आपका बच्चा अन्य बच्चो से मिलता है और उनसे बातचीत करता है इससे बच्चे में सामाजिक कुशलता बढती है। 
  • खेलो से बच्चे टीम वर्क भी सीखते है आपका बच्चा सीखता है की किस तरह टीम की विजय में योगदान दिया जा सकता है।
  • जब भी कोई शारीरिक गतिविधि होती है तो हमारे मस्तिस्क या हमारे अंदर जो अंग है उनका विकास होता है।
  • स्वस्थ हड्डियों और मासपेशियो के अच्छे विकास के लिए आपको बच्चे को किसी खेल या व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। 
  • खेलो से सम्बंधित गतिविधिया थोड़ी बहुत कार्डियो वर्कआउट के सामान है। इससे आपके बच्चे के फेफड़े अधिक छमता से कार्य करते है और रक्तपरिसंचरण में भी सुधार होता है। 
  • जब आपका बच्चा खेलो में भाग लेता है, तो आपके बच्चे की इम्युनिटी बढती है इसके अलावा बच्चे को खुली हवा में छोड़ना अच्छा होता है। 
  • बच्चा  प्रतियोगिता की भावना सीखता है। बच्चा यह सीख पाता है की प्रतियोगिता किस प्रकार की जाती है। 
  • खेलो से बच्चे में शारीरिक सहनशीलता और धैर्य बढ़ता है क्योकि गेम आखिरी तक खेला जाता है। जिससे बच्चा सीखता है की अधिक समय तक गर्मी में कैसे रहा जाता है।
  • बच्चा जीत का मूल्य समझता है। जब बच्चा कोई गेम खेलता है, तो उसे समझ में आता है की जितना कितना कठिन होता है। 

यदि आप अपने बच्चे को खेलने से रोक रहे है तो वास्तव में आप उनका बचपन छीन रहें है। बच्चो को स्कूल के बाद खेलने जरुर भेजिए। बच्चो को खेलो के लिए जरुर प्रोत्साहित करें।
 

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