एमआर वैक्सीनेशन या टीकाकर ...
मीजल्स (खसरा) एवं रूबेला (Measles-Rubella-Vaccine )टीका अभियान 2018 को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी जोरों पर है। केंद्र सरकार ने मीजल्स और रूबेला कान्जीनेंटल रूबेला सिन्ड्रोम (सीआरएस) बीमारियों को साल 2020 तक खत्म करने का फैसला लिया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत कई और राज्यों में व्यापक रूप से टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है। स्कूलों में भी बेबी वैक्सिनेशन/टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को लेकर आपके जेहन में भी कई सवाल उमड़ रहे होंगे...
भारत सरकार ने खसरा और रूबेला (Measles & Rubella) जैसी बीमारियों को ख़त्म करने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया हुआ है। जिसकी अलग अलग राज्यों में अलग अलग तारीख निर्धारित हैं! इनको जरूर देखें और अपने बच्चे को पास के वैक्सीनेशन केंद्र पर टीकाकरण के लिए जरूर ले जाएँ।
State |
MR Vaccination Dates |
Delhi |
Starting 16 Jan’19 |
Uttar Pradesh |
Starting 27 Nov’18 |
West Bengal |
Starting 27 Nov’18 |
Maharashtra |
Starting 27 Nov’18 |
Punjab |
Started 01 May’18 |
इस अभियान को लेकर आपके जेहन में भी कई सवाल उमड़ रहे होंगे तो आइये जानते हैं उन सभी सवालों के जवाब...
जवाब- यह मीज़ेल्स (खसरा) और रूबेला से होने वाली बीमारियों से बचाने का टीका है।
जवाब- स्कूल के बच्चों के लिए 27 नवंबर से लेकर अगले 5 सप्ताह के बीच लगाया जाएगा। प्रत्येक स्कूल के लिए अलग-अलग तारीखों को टीकाकरण का कार्यक्रम शेड्यूल किया गया है। जो बच्चे छोटी उम्र के हैं और स्कूल नहीं जाते हैं उनके माता-पिता नजदीकी आंगनवाड़ी, नगरपालिका एवें सरकारी डिस्पेंसरियों में जाकर बच्चे का टीकाकरण करवा सकते हैं।
जवाब- खसरा बचपन में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी में बच्चे को बुखार, कफ, दाग-धब्बे निकल आते हैं। खसरा से पीड़ित बच्चों को निमोनिया, गैस्ट्रोएंटेरिटिस और कुपोषण का शिकार होने की संभावना बनी रहती है।
जवाब- रूबेला संक्रमण को जर्मन मीजेल्स के नाम से भी जाना जाता है। ये बीमारी मुख्य रूप से रूबेला वायरस की वजह से ही होता है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण हल्का बुखार, चेहरे और गले के पास में चकत्ते हो जाते हैं। ये एक संक्रामक बीमारी है और छींकने, खांसने और सांस लेने के माध्यम से इसका वायरस फैलता है। गर्भावस्था के दौरान रूबेला से संक्रमित हो जाने पर ये संक्रमण गर्भ में पल रहे भ्रूण तक भी पहुंच जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान रूबेला वायरस से संक्रमण होने की स्थिति में गर्भपात या फिर समय से पूर्व प्रसव का जोखिम बना होता है। यदि भ्रूण बच भी जाए तो 80 फीसदी तक इस बात की संभावनाएं होती हैं कि जन्म लेने वाले बच्चे में बहरापन, आंखों की समस्याएं, हृदय संबंधी समस्याएं, मानसिक रूप से मंदता, हड्डियों में जख्म एवं अन्य तरह के रोग से ग्रसित हो सकता है। इस तरह की विकृतियों को CRS यानि Congenital Rubella Syndrome कहते हैं।
इस ब्लॉग को जरूर पढ़ लें: UP & Bengal: एमआर टीकाकरण अभियान 2018 - बच्चों को मीजल्स (खसरा) और रूबेला से बचाने के लिए
जवाब- सिर्फ एक बार और इसके टीकाकरण को लेकर देश भर में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
जवाब- 9 महीने से 15 साल की उम्र तक के बच्चों को आप टीका दिलवा सकते हैं।
जवाब- बच्चा जब स्वस्थ हो जाए तब टीका दिलवा सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको नजदीकी नगरनिगम के डिस्पेंसरी या आंगनवाड़ी से संपर्क करना होगा।
जवाब- ये पूरी तरह से मुफ्त है और इसके लिए आपको पैसे नहीं देने होंगे।
जवाब- नहीं, ये टीका सिर्फ अधिकृत केंद्र पर ही दिलवाएं जा सकते हैं।
जवाब- हां ये टीका पूरी से सुरक्षित है।
जवाब- सामान्य तौर पर इसके साइड इफेक्ट्स बहुत कम देखने को मिले हैं। हल्का दर्द, सूजन, त्वचा पर लाली, और बुखार हो सकता है। ऐसा कुछ लक्षण नजर आने पर पैरासिटामॉल या बर्फ के टुकड़ों को लगाने पर राहत मिल सकती है। इस तरह के प्रभाव आम तौर पर सभी तरह के टीकाकरण के बाद नजर आते हैं।
जवाब- बेशक, आप जाएं और बच्चे को टीका जरूर लगवाएं। ये सुरक्षित और प्रभावशाली भी है।
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