प्रेग्नेंसी के दिनों में पानी पीना क्यों और कितना मात्रा में जरुरी है ?

प्रेग्नेंसी के दौरान आपके शरीर में हो रहे बदलावों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है। पानी स्वस्थ रक्त कोशिकाओं और आपके शरीर को हाइड्रेट और तरल रखने के लिए अनिवार्य है। पानी मां के दूध का एक महत्वपूर्ण अंश भी है और यह अच्छे स्तनपान के लिए जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में पानी की कमी से सिर दर्द, मिचली, मरोड़, हाथ-पैर सूजना (ऑडेमा) और चक्कर आने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
पानी की आवश्यकता विशेषतः तीसरी तिमाही में अधिक होती है, जब पानी की कमी से संकुचन शुरू हो सकते हैं और समय से पहले प्रसव का दर्द उठ सकता है। यहां हम आपको बताएंगे आखिर प्रेग्नेंसी में पानी पीने के क्या लाभ हैं और इस दौरान कितना पानी पीना जरूरी है।
प्रेग्नेंसी में कम से कम कितना पानी पीना चाहिए?/ How Much Water to Drink in Pregnancy in Hindi
आपको रोजाना करीब तीन लीटर (आठ से 12 गिलास) पानी पीना चाहिए। हल्के व्यायाम के हर एक घंटे के लिए इसमें एक गिलास पानी और जोड़ दें। गर्मियों के दौरान पसीना आने के कारण निकल जाने वाले द्रव्य की पूर्ती के लिए आपको और अधिक पानी पीने की आवश्यकता होती है। यदि आपको प्रतिदिन ग्रहण किए जाने वाले पानी की मात्रा का अनुमान नहीं होता है, तो एक लीटर वाली तीन बोतलें भर लें और दिन के अंत तक इन्हें समाप्त करने का प्रयास करें।
पानी क्यों है जरुरी मॉर्निंग सिकनेस में?/ Water Reduces the Morning Sickness During Pregnancy in Hindi
कुछ महिलाओं को नियमित पानी पीने से सुबह की रूग्णता (मिचली), अम्लता, जलन और अपाचन से राहत मिलती है। दरअसल पानी आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है और तापमान सामान्य बनाए रखता है, विशेषकर गर्म और आर्द्र महीनों में।
- युरिन इन्फेक्शन से बचाता है : गर्भावस्था में युरिन में इन्फेक्शन आम बात है। पर पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मूत्रमार्ग में इन्फेक्शन नहीं होता है। यदि आप पर्याप्त पानी पीती हैं, तो आपके मूत्र में पानी की अच्छी मात्रा बनी रहेगी, जिससे संक्रमण का जोखिम कम होगा।
- प्रेग्नेंसी में हाथ-पैर की सूजन से बचाता है:प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक पानी पीने से कब्ज, बवासीर और हाथ-पैर की सूजन से बचाव होता है। गर्भावस्था के दौरान जितना अधिक पानी आप पीएंगी, उतना ही कम पानी आपका शरीर प्रतिधारित करेगा। इससे हाथ-पैर सूजते नहीं हैं।
- ठीक रहता है पेट में पल रहे बच्चे का स्वास्थ्य : गर्म पानी शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। ब्लड सर्कुलेशन सही रहने से शरीर के सभी अंगों तक पोषक तत्व अच्छी तरह से पहुंच जाते हैं, जिससे पेट में पलने वाले बच्चे का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। गर्म पानी से औरतों को होने वाली शरीर की थकान भी कम होती है और शरीर के सारे टॉक्सीन बाहर निकल जाते हैं। गर्म पानी पीने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है।
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