बच्चो की चोट से ना घबराए ...
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आज के व्यस्त माहौल में चोट लगना कोई बड़ी बात नहीं है |हमारे रोजाना के कामों में सावधानी बरतने के बाद भी चोट लग ही जाती है। बच्चे जब जमीन पर पैर रखते हैं तो धीरे- धीरे डगमगाते हुए चलना शुरू करते है, जो उनके जीवन का आरम्भ होता है। चलते -चलते वे कभी गिर जाते है , कभी सिर या पैर में चोट लग जाती है , कभी शरीर के किसी अंग से खून बहने लगता है या हड्डी टूट जाती है तो बच्चे का तुरंत इलाज जरुरी हो जाता है। बच्चे अक्सर खेलते-खेलते अपने आपको चोट पहुंच ही लेते हैं।अपने बच्चे को किसी भी प्रकार की चोट लगने पर बिना घबराए, पहले यह देखे की उसे किस प्रकार की चोट लगी हैं यह समझते हुए उसका प्राथमिक ईलाज करे और अपने बच्चे को राहत दिलाये। उनका यदि तुरंत ईलाज किया गया तो ये चोट गंभीर घाव का रूप ले लेते हैं और आगे चलकर परेशानी का कारण बन जाति हैं।
प्राथमिक चिकित्सा-- प्रत्येक माता - पिता को प्राथमिक चिकित्सा के थोड़ी बहुत जानकारी होना आवश्यक हैं क्योंकि छोटे बच्चे प्रति दिन ही कही न कही गिर कर चोट लगा लेते हैं , उनका यदि तुरंत ही नहीं ईलाज किया गया तो ये चोट गंभीर घाव का रूप ले लेते हैं और आगे चलकर परेशानी का कारण बन जाति हैं |प्राथमिक चिकित्सा के लिए कुछ सामग्री का होना आवश्यक हैं जैसे की डेटोल या सेवलॉन , रुई , बरनोल, टिंचर ,बोरिक एसिड ,बेण्ड- एड , तिरछी और लम्बी पटिया, छोटी कैची , सेफ्टी पिन , आदि।
बच्चे को चोट पर यदि अधिक खून बह रहा हो तो -- यदि आप के बच्चे को इस तरह की चोट लग गई हो जहाँ से लगातार खून बह रहा हो तो, सबसे पहले खून रोकने का उपाय करना चाहिए। जैसे - फिटकरी को रगड़े या दुब को पीस कर घाव पर लगाने से खून बहना बंद हो जायेगा। बर्फ के टुकड़ें को घाव वाली जगह पर रगड़ने से खून बहना बंद हो जाता हैं।खून बहने के स्थान पर यदि खून जम जाए तो पुदीने का रस बच्चे को पिलाना चाहिए। सुगन्धित परफ्यूम लगाने से बहता हुआ खून रुक जाता है।स्पिरिट लगाने से भी बहता हुआ खून बंद हो जाता हैं।
अदंरुनी चोट लगने पर -- बच्चे को चोट लगने पर इस बात का ध्यान रखे की कही उसे अंदरूनी चोट तो नहीं लग गई है, ऐसा होने पर लहसुन हल्दी और गुड़को मिलाकर लेप करने से चोट ठीक हो जाती है।
अधिक दर्द होने पर -- लहसुन की कली को नमक के साथ पीसकर उसकी पुल्टिस बनाकर बांधने से चोट ओर दर्द में आराम मिलता है। हल्दी ,प्याज , भांग की पत्ती पीसकर उसमे सरसो का तेल डालकर गर्मकर उस फूले हुए हिस्से पर लगाने से चोट पर आराम मिलता हैं। कुछ परिस्तिथियाँ ऐसी होती है की बच्चे की हाथ या पैर की हड्डी टूट या सरक जाती है, उस समय हल्दी दूध में मिलाकर पिलाने से चोट ओर दर्द दोनों में राहत मिलती है। नमक को तवे पर सेक कर मोटे कपडे में बांधकर दर्द वाली जगह पर सेकने से आराम मिलता है।
सुजन कम करने के लिए-- कभी - कभी बच्चा इस तरह गिर जाता है की उसके माथे या सिर के पीछे के भाग में गोला सा गुरमा निकल आता है ,उसपर तुरंत बर्फ रगडने से यह चोट ठीक हो जाता है।प्याज को काट कर कपड़े में लपेटकर मोच वाली जगह पर बांधने से सूजन कम होती हैं।
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