क्या स्तनपान करने वाले शिशु को पानी पिलाना चाहिए ?

मां बनना जहां सुखद अहसास है, वहीं इससे जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। दरअसल एक नवजात शिशु की देखभाल करना काफी कठिन काम होता है। शुरुआती 6 महीनों में ये सबसे ज्यादा चुनौतिपूर्ण होता है। आमतौर पर जो महिलाएं पहली बार मां बनती हैं, उनके मन में इस अवस्था में बच्चे को पालने को लेकर कई सवाल होते हैं। वे ये जानना चाहती हैं कि आखिर बच्चे को कब तक स्तन से दूध पिलाना चाहिए, क्या स्तनपान के साथ पानी पिलाया जा सकता है। [पढ़ें - नवजात शिशु की रुखी त्वचा की समस्या दूर करने के उपाय]
आज इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि स्तनपान करने वाले बच्चे को पानी पिलाना चाहिए या नहीं व इस दौरान पानी पिलाने के क्या नुकसान हैं।
क्यों ना पिलाएं पानी 6 महीने तक के बच्चे को ?/ Why Not to Give Water to 6 Months Breastfeeding Baby in Hindi
दरअसल 6 महीने तक अमूमन हर बच्चा मां के दूध के सहारे ही रहता है। उसे ठोस आहार देने की शुरुआत 6 महीने के बाद की जाती है। ऐसे में बच्चे को ठोस आहार को पचाने के लिए पानी पिलाने की जरूरत भी 6 महीने के बाद ही होती है। हालांकि कुछ स्थितियों में 4-5 महीने के बच्चे को 2-3 चम्मच पानी दिया जा सकता है, लेकिन इससे बचने की कोशिश की जाए तो ज्यादा बेहतर। 6 महीने से पहले मां का दूध ही बच्चे के लिए पर्याप्त है। स्तनपान करने वाले शिशु को पानी पिलाने के कई नुकसान होते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर भी 6 महीने से पहले बच्चे को पानी पिलाने से मना करते हैं। अगर मां के स्तन में दूध की पूर्ति ठीक से नहीं हो रही है, तो वह डॉक्टर से सलाह लें और जानें कि इस स्थिति में बच्चे को क्या देना चाहिए। स्तनपान करने वाले बच्चे को इसलिए नहीं होती पानी की जरूरत। [इसे भी पढ़ें - कैसे जानें की नवजात शिशु ने पर्याप्त दूध पी लिया है या नहीं?]
दरअसल मां के दूध में 88 प्रतिशत पानी होता है, जो बच्चे के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा बच्चे के जन्म के बाद मां के स्तन से कोलोस्ट्रम (गाढ़ा दूध) निकलता है। ये दूध न केवल बच्चे को हाइड्रेट रखता है, बल्कि उसे हर तरह की बीमारी से भी बचाता है। मां जितना स्तनपान बच्चे को कराती है, उतना अधिक दूध उसके स्तन में बनने लगता है। वहीं अधिक दूध पीने से बच्चे के शरीर में भी पानी की कमी नहीं रहती है।
क्या स्तनपान करने वाले शिशु को गर्मी में पानी पिलाने की जरुरत है?/Why Not to Offer Water to Breastfed Babies?
भीषण गर्मी में अक्सर मां के साथ ही अन्य परिवार वालों के मन में ये सवाल उठता है कि बड़े लोगों की तरह बच्चे को भी पानी की जरूरत होगी। गर्मी अधिक होने पर बच्चे को पानी देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल मां के दूध से बी बच्चे में पानी की कमी पूरी हो जाती है। मां के दूध में 88 प्रतिशत तक पानी होता है, ऐसे में बच्चे को पर्याप्त पानी मिल जाता है। हालांकि गर्मी में मां को थोड़ा खास ध्यान देने की जरूरत होती है। बच्चे को पर्याप्त पानी मिलता रहे, इसके लिए उसे समय-समय पर स्तनपान कराना चाहिए। कई मां बार-बार स्तनपान कराने में आलस कर देती हैं, लेकिन ये ठीक नहीं है। आप ये सोचें कि भूख लगने पर आप भी तो कई बार खाना खाती हैं, ऐसे में बच्चे को बार-बार दूध पिलाने में क्या दिक्कत। वैसे भी बच्चे का पेट छोटा होता है, वह एक बार में ज्यादा दूध नहीं पी सकता। इसलिए रुक-रुककर दूध पिलाना हर लिहाज से फायदेमंद है। [इसे भी पढ़ें - क्या हैं स्तनपान के दौरान दूध बढ़ाने के उपाय?]
स्तनपान करने वाले शिशु को पानी पिलाने से नुकसान/ Disadvatnages of Water for Breastfeeding Baby in Hindi
मां के दूध में पानी होता है, अगर 6 महीने से कम के बच्चे को आप अलग से पानी पिलाएंगे तो उसका पेट भर जाएगा और उसे भूख नहीं लगेगी। वह मां का दूध भी नहीं पिएगा। पानी में कई तरह के संक्रमण होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, ऐसे में पानी उन्हें कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है। स्तनपान करने वाले बच्चे को पानी पिलाने से उनमें ओरल वॉटर इंटोक्सिकेशन की समस्या आने लगती है। यह इन्फेक्शन बच्चे के दिमाग पर बुरा असर डालता है। स्तनपान करने वाले बच्चे को पानी पिलाने से पाचन तंत्र को नुकसान होता है और बच्चे कुपोषण के शिकार हो सकते हैं।
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