खांसी, बुखार और सिरदर्द में बच्चों को शतावरी कैसे दें? शतावरी का प्रयोग कैसे करें?

शतावरी एक वसंत ऋतु का सब्जी है जो कि लिली (लिलीसेए) परिवार के अंतर्गत आता है। सदियों पहले, मूत्र प्रवाह बढ़कर गुर्दे को साफ करने और गुर्दे की पथरी को रोकने के लिए इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल रोमनों और यूनानियों द्वारा किया जाता था तथा एशिया में, शतावरी का उपयोग तंत्रिका संबंधित समस्याओं, खांसी और दस्त के इलाज के लिए किया जाता था। शतावरी एक स्वस्थ पोषक तत्व समृद्ध वनस्पति है जिसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल नहीं होती है। इसमें बहुत कम कैलोरी और सोडियम होता हैं। शतावरी के डंठल आमतौर पर एक सब्जी के रूप में खाए जाते हैं। इसकी जड़ें, बीज और अर्क का उपयोग विभिन्न बीमारियों के लिए किया जाता है। शतावरी कई लाभ प्रदान करता है।
इसमें कई सारे विटामिन और खनिज पाए जाते है। इसमें विटामिन ए, सी, ई, के, और बी 6, साथ ही फोलेट, लौह, तांबा, कैल्शियम, प्रोटीन, और फाइबर पाया जाता है ,जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आप इसे जैतून का तेल में पास्ता के साथ खाया जा सकता है। साथ ही इसे टमाटर और ग्रीन सलाद के साथ भी उपयोग में लिया जा सकता है।इसका उपयोग चूर्ण के रूप में भी किया जाता हैं।
क्या हैं शतावरी के फायदे?/What Are the Benefits of Asparagus in Hindi
सरदर्द, बुखार व खांसी एक ऐसी बिमारी होती है जो किसी को कभी भी हो सकती है। इसके लिए शतावरी एक ऐसा इलाज है जिसके सेवन से इन बिमारियों से बचा जा सकता है।इसमें विटामिन ए, सी, ई, के, बी 6, फोलेट, लोहा, तांबे, कैल्शियम, प्रोटीन, और फाइबर जैसे विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं।
कैसे करें शतावरी का प्रयोग खांसी होनें पर?
खांसी की समस्या होनें पर शतावरी के रस में अडूसे का रस मिलाएं व इसमें स्वादानुसार मिश्री मिलाकर खाने से खांसी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। आपकों बता दें की अगर आपके बच्चे को सूखी खांसी है तो यह रामबाण माना जाता है। है। वहीं अगर किसी को लंबे समय से खांसी की परेशानी है और कफ के साथ खून भी आता है तो इससे राहत मिलती है।
बुखार होनें पर बच्चो को शतावरी कैसे दें?
बुखार आने पर शतावरी और गिलोय का रस गुड़ में मिलाकर लेने से तुरंत आराम मिलता है। इसके उपयोग से तेज बुखार मे भी तुरंत आराम मिलता है| हालांकि खाने शुरूआत में खाने के दौरान हमारे मूत्र त्यागते समय दुर्घंध आने की शिकायत रहती है।पर धीरे धीरे यह कम हो जाती है।
सिरदर्द में शतावरी का प्रयोग कैसे करें?
सिरदर्द के लिए शतावरी बहुत काम की दवाई मानी गई है। सिरदर्द मे काम लेने के लिए शतावरी को कूट कर रस निकाल लीजिए। अब इसमें तिल का तेल मिलाकर सिर पर मालिश करिए आप देखंगे की आपका सिरदर्द बंद हो जाएगा। साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दै कि इससे आधाशीशी रोग में भी फायदा मिलता है।
सरदर्द ,बुखार व खांसी एक ऐसी बिमारी होती है जो किसी को कभी भी हो सकती है। इसके लिए शतावरी एक ऐसा इलाज है जिसके सेवन से इन बिमारियों से बचा जा सकता है।इसमें विटामिन ए, सी, ई, के, बी 6, फोलेट, लोहा, तांबे, कैल्शियम, प्रोटीन, और फाइबर जैसे विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)
Related Blogs & Vlogs
No related events found.
Loading more...