बच्चों को नैतिक शिक्षा या ...
इंसान के लिए नैतिकता बहुत जरूरी है। कहा जाता है कि बिना नैतिकता के मनुष्य पशु समान हो जाता है। प्राचीन काल से ही मनुष्य के लिए नैतिक मूल्यों पर खास ध्यान दिया गया है। नैतिक मूल्यों से ही इंसान का चरित्र बनता है। क्योंकि इंसान शुरू से जो सीखता है वही बनता है, इसलिए नैतिक शिक्षा बच्चों को छोटी उम्र से ही देनी चाहिए। नैतिक शिक्षा के अभाव में बच्चे का चरित्र खराब होता है और वह चोरी, डकैती, लूटपाट व धूम्रपान जैसी गलत आदतों का शिकार हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे को अधिक से अधिक नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाएं। सिर्फ स्कूल के भरोसे बैठना ठीक नहीं है। स्कूल के अलावा बच्चे को घर पर भी नैतिक शिक्षा दें।
समाज में व्यक्ति 2 चीजों से पहचाना जाता है। पहला है ज्ञान और दूसरा है उसका नैतिक व्यवहार। इंसान के सर्वांगीण विकास के लिए यह दोनों ही अति आवश्यक है। अगर ज्ञान सफलता की चाबी है तो नैतिकता सफलता की सीढ़ी। एक के अभाव में दूसरे का पतन तय है। व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है। समाज में बने रहने के लिए सामाजिक नियमों का पालन करना जरूरी होता है। बच्चा जब जन्म लेता है तो उस वक्त उसे न तो नैतिकता की समझ होती है और न ही अनैतिकता की। ऐसे में उसे जैसी शिक्षा मिलेगी वह वैसा ही बन जाएगा। इसलिए नैतिकता का पाठ जरूरी है। नैतिकता वह गुण है जो बच्चों को सामाजिक प्राणी बनने में मदद करती है। इसे भी पढ़ें: खेल-खेल में और खिलौनों की मदद से बच्चों को सीखाएं ज्ञान की बात
बच्चे को नैतिक शिक्षा देने से पहले ये भी जरूरी है कि आप खुद भी नैतिक हों। अगर आपके अंदर खुद नैतिकता नहीं है, तो आप भला कैसे बच्चे को उसके बारे में बताएंगे। बच्चा तो आपका ही अनुकरण करेगा। इसलिए पहले खुद भी नैतिक होने की जरूरत है। इसके अलावा सबसे जरूरी है कि स्कूली पाठ्यक्रमों में अच्छे से नैतिक शिक्षा को शामिल किया जाए। अन्य विषयों की तरह इसकी भी परीक्षा हो और छात्र का इसमें पास होना अनिवार्य हो।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)