बच्चो मे जगाये आत्मविश्वा ...
हर उम्र के लोगो को आत्मविश्वास कि जरुरत होती है,खास कर बच्चो को जिस्से उन्हे जीवन मे आगे बढ्ने और कुछ करने की प्रेणना मिलती है। आत्मविश्वास की कमी होने से बहुत से लोग सब कुछ जानते हुए भी किसी के सामने बोलने या करने मे हिचकिचाते है कि कही गलत तो नही कर रहे।
आपको पीछे हटना सीखना होगा और अपने बच्चे को जोखिम लेना, विकल्प बनाने, समस्याओं का समाधान करना सिखाना होगा ताकि वे जो शुरू करे, उसपे टिके रह्ना सिखे।
आत्मविश्वास,प्यार और सुरक्षित महसूस करने और क्षमता विकसित करने से आता है, बच्चों की अधिक तारीफ करके, हम उनकी भलाई से ज्यादा नुकसान कर रहे हैं "हम उनके प्रतिभा को सिमित कर रहे हैं, यदि आप अपने बच्चे को बताते रहें कि वह पहले से ही शानदार काम कर है, तो आप कह रहे हैं कि उसे और कोशिश करने कि जरुरत नही है। लेकिन आत्मविश्वास कोशिश करने और असफल होने और फिर से कोशिश करने से आता है।
अपने बच्चे को छोटे- मोटे जोखिम लेते समय अपने आप को खड़े होके देखने के लिए मजबूर करना शुरू करें ।उनमे आत्मविश्वास बनाने के लिए,उन्हे अपने काम ज़िम्मेदारी खुद लेने दें। वह बहुत सारे माता-पिता अपने बच्चों को हर समय विफलता से बचाने की कोशिश करते है। राजेश अपने दो साल के बेटे, अजय को कमरे से देख रहा था, कि पार्टी में उसने रसना का एक बड़ा जग उठया है और उसे एक गिलास में रसना डालते देख रहा था। अपने बेटे को बचाने की कोशिश करने के बजाय, पूरे फर्श पर रसना गिराता देख रहा था।फिर अजय ने एक वेट्रेस से, तौलिया के लिए पूछा और अपनी गड़बड़ी को साफ किया "उसने अपनी समस्या का समाधान किया - जैसे कि हम बडे लोग करते हैं।
जब बच्चे अपनी उम्र के उपयुक्त विकल्प बनाते हैं, तो वे और अधिक शक्तिशाली महसूस करते हैं और अपने फैसले के परिणामों पर विचार करना शुरू कर सकते हैं।अपने बच्चों को अपने दम पर फैसला करने दें । जैसेकि कि क्या सर्दियों में कोट, टोपी और जूते पहनना है, "एक बार जब वे गर्म और ठंडे के बीच के अंतर को जानेगें, तो यह उनके ऊपर है उनके शरीर और उनकी पसंद की जिम्मेदारी उनकी है
बच्चों को अपनी योग्यता का प्रदर्शन करने से उन्हें लगता है कि उनका योगदान मूल्यवान है। घर पर, उनसे मदद ले लिये पूछे, यहां तक कि जब वे छोटे बच्चे होते हैं तब भी, जैसे खाना पकाने में मदद करने के लिए, मेज सेट करना और बिस्तर ठीक करना आदि।
बहुत सारे माता-पिता सोचते हैं कि संघर्ष और असफलता उनके बच्चों के आत्मसम्मान को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन वास्तव में यह उन्हे बनाने में मदद करने का एक सुनहरा मौका होता है।इसे साकरात्मक रुप मे लें।
आपके बच्चे को पता हो कि आप उसे प्यार करते हैं,चाहे जब वो वह विफल हो जाते है या गलत निर्णय लेते है ।यदि आप सिर्फ सफलता के बारे मे बात करते हैं, वह सोचेंगे कि आप उसे केवल उनके रिपोर्ट कार्ड या नाटक में मिली सफलता के लिए प्यार करेंगे।
कोशिश करो, पुनः प्रयास करो ,अपने बच्चों को अपने तरीके से चुनौतियों का सामना करने और जोखिम लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
अपने बच्चों को एक लक्ष्य की दिशा में काम करने और अपनी मेहनत पर गर्व करना सिखाएं। उन्हें सफलता के अवसर प्रदान करें।
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