8 प्रभावी घरेलु उपचार बच् ...
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दस्त से होने वाली कमजोरी बच्चों को सुस्त बना देती है। इस वजह से उनका मन किसी भी काम में नहीं लगाता है और वह खेल-कूद व पढ़ाई में पीछे रह जाता है।कभी कभी छोटे बच्चो के जब दांत निकलने वाले होते है तो भी उनको दस्त शुरु हो जाते है। जब दस्त हो तो सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करे, ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न हो सके। यदि आपका बच्चा बार-बार उल्टी नहीं कर रहा है, तो आप उसे ठोस आहार खिलाना जारी रख सकती हैं।
यूं तो दस्त होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन मूलत: दस्त की समस्या के दौरान पानी की तरह मल बाहर आने लगता है। दस्त होने की वजह से आपका पाचन तंत्र काफी कमजोर हो जाता है और भोजन के रूप में जो कुछ भी खाद्य सामग्री ग्रहण करते हैं वह आसानी से पच नहीं पाता है। मल में झाग भी नजर आ सकते हैं।
दस्त होने के अनेक कारण हो सकते हैं जैसे कि अस्वस्थ भोजन (Unhealthy Food) या दूषित पानी का सेवन करने की वजह से इन्फेक्शन हो जाता है।
बासी खाना का सेवन करने से भी दस्त मुमकिन है
ज्यादा मात्रा में ऑयली फूड का सेवन करने से भी दस्त संभव है
कई बार मानसिक तनाव होने की स्थिति में भी दस्त हो जाता है
कई बार शराब व अन्य प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन करने से भी दस्त हो सकता है
मिर्च मसाला या अत्यधिक मात्रा में तेल का सेवन करने से भी दस्त हो सकता है
छोटे बच्चे को दस्त होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कि मां के स्तन का दूध अगर किन्हीं कारणों से दूषित हो जाए तो भी बच्चे को दस्त हो जाता है। अगर शिशु की मां ज्यादा मात्रा में तैलीय पदार्थ या मिर्च मसाले वाले भोजन करती हैं तो उसकी वजह से भी बच्चे को दस्त हो सकते हैं। बच्चे के दूध के बोतल को अगर अच्छे से धोकर साफ नहीं किया जाए तो भी बोतल इन्फेक्टेड हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप बच्चे को दस्त होने की संभावना बनी रहती है।
दस्त होने की वजह से शरीर में कुछ और समस्याएं भी हो सकते हैं।
त्वचा की समस्याएं- दस्त के चलते त्वचा में झुर्रियां भी पड़ सकते हैं दरअसल दस्त के लगातार जारी रहने की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाते हैं।
दस्त में सबसे बड़ा खतरा पानी की कमी का होना होता है इसलिए दस्त के दौरान मरीज को ज्यादा प्यास का अनुभव हो सकता है।
दस्त के दौरान शरीर में अत्यधिक कमजोरी महसूस हो सकती है इसके अलावा पेट में दर्द की समस्या भी हो सकते हैं। दस्त की समस्या अगर लगातार बनी रहे तो बाद में यही दस्त पेचिश (Dysentery) हो सकता है
कुछ लोगों को दस्त के चलते गैस बनना या फिर उल्टी हो सकती है
दस्त के दौरान शरीर में खून की कमी हो सकती है औऱ इसके परिणामस्वरूप एनीमिया की समस्या हो सकते हैं।
दस्त के दौरान कमजोरी के चलते सांस फूलने की समस्या भी सामने आ सकता है
दस्त के दौरान बुखार होने की संभावना भी बन सकते हैं
अगर आपका बच्चा दस्त से पीड़ित है, तो नीचे दिए गए उपायों को जरूर आजमाएं और बच्चे को राहत दिलाने में मदद करें...
9. धनिया- लगातार हो रहे दस्त के चलते मरीज को प्यास बहुत लगने लगता है। 1 लीटर पानी में 1 चम्मच सूखा धनिया को उबाल लें। इसको तब तक उबालते रहें जब तक पानी आधा ना हो जाए उसके बाद इस मिश्रण को ठंडा होने दें। इसको थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मरीज को पिलाते रहें।
10. कचनार का फूल- आप निश्चित रूप से कचनार के फूल को जानते होंगे। कचनार के फूल की 2-3 कली लेकर इसको बारीक पीस लें। इस मिश्रण को चीनी के घोल में मिलाकर प्रतिदिन सुबह शाम थोड़ी थोड़ी मात्रा में सेवन करते रहें। दस्त की समस्या में काफी आराम मिल सकता है।
11. नींबू के अनेक गुणों से आप परिचित होंगे। नींबू को औषधि का स्थान भी दिया गया है। दस्त होने की परिस्थिति में 1 कप पानी में नींबू को निचोड़ कर मिला लें। आप इसका सेवन खाली पेट में या भोजन करने के बाद भी कर सकते हैं। दस्त होने पर आंव आने की समस्या में बहुत आराम मिल सकता है।
12. जीरा- जीरा बहुत गुणकारी है। सबसे पहले आप जीरे को बारीक पीस लें और फिर इसको तवे पर भून लें। इस चूर्ण को अब दही में या मट्ठे में मिलाकर सेवन करें। दस्त होने पर अगर इसका सेवन करेंगे तो काफी फायदा हो सकता है।
13. बेल का नाम तो आपने जरूर सुना होगा। अगर पका हुआ बेल उपलब्ध हो सके तो इसका गूदा निकालकर 1 चम्मच अलग कर लें। फिर इसको 1 कप ताजा दही में मिलाकर सेवन करें तो दस्त में काफी फायदा हो सकता है।
14. दस्त होने पर कच्चा पपीता भी काफी फायदेमंद हो सकता है। आप कच्चे पपीते के कुछ टुकड़ों को उबालकर सेवन करें इसके पुराना दस्त भी ठीक हो सकता है।
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