अस्थमा के उपचार के लिए 7 ...
बदलते माहौल में बच्चो को अस्थमा होने का खतरा ज्यादा हो गया है | अस्थमा फेफड़ों की बीमारी है, जो श्वसन मार्ग को बाधा पहुंचाती है। यानी यह बीमारी फेफड़ों से हवा के मार्ग को अवरुद्ध करती है जिससे श्वसन नली में सूजन आ जाती है या फिर श्वसन नली का मार्ग संकरा हो जाता है। इससे हवा संकुचित मार्ग से ठीक से पास नहीं हो पाती जिससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। इस बीमारी के होने का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन यह एलर्जी, वायु प्रदूषण, रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन, इमोशन, मौसम की कंडीशन, खाने में सल्फाइट्स होने पर और कुछ दवायों के सेवन से शुरू हो सकती है| इसके लक्षण और उपचार के बारे में जाने .....
बच्चे को सांस लेने के दौरान घरघराहट होना, थकान होना, गले में खराश होना, सामान्य सर्दी होना, सीने में जकड़न होना, खांसी के दौरान तकलीफ होना आदि इसके लक्षण होते हैं।इसके अलावा, प्रत्येक बच्चे का अस्थमा अलग तरह का होता है। कुछ ट्रिगर अस्थमा के दौरे को बदतर भी बना सकते हैं |एक बार अगर एक बच्चे को अस्थमा होने का पता लग जाये, तो घर से उसके कारणों या ट्रिगर्स को हटाये या बच्चे को इनसे दूर रखे।
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