कैसे बनायें बच्चों को नेक ...
माता-पिता होने के नाते क्या आप अपने बच्चे में विनम्रता, दूसरों के लिये अपनापन और ज़ज्बाती होने की खूबियां न होने की वजह से परेशान हैं? और क्योंकि आपका परिवार बहुत छोटा है तो बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भी केवल आप दोनों पर होती है और जब आप रोजमर्रा के कामों में व्यस्त हो जाते हैं तो बच्चे को इन बातों की सीख देने के लिये परिवार में और कोई नहीं होता और तब यह समस्या आपको और बड़ी लगने लगती है।
पर चिंता न करें क्योंकि मैं आपको कुछ आसान और जांचे-परखे तरीकों के बारे में बताउंगी जिससे यह तय हो सके कि आपका बच्चा बड़ा होकर एक नेक इंसान बने, जो न केवल अपने बल्कि पूरे समाज की भलाई के बारे में सोचे, खासकर उन लोगों के लिये जो कमजोर और बेबस हैं।
1. जीवन परियों की कहानी जैसा नहीं होता- आप भले ही बच्चे को परियों की दुनिया की अच्छी-अच्छी कहानियां सुनायें पर कोशिश करें कि वह इन कहानियों की दुनिया को ही जीवन की वास्तविकता न समझ बैठे। तय करें कि वह जीवन के कठिन हालातों के बारे में भी जाने और इसके लिये समाचार पत्र या किसी और जरिये से उसे जानकारी दें। ऐसा करने से बच्चे को अहसास होगा कि जीवन की राह हमेशा आसान नहीं होती, इसमें मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है और हमें हंसते-मुस्कराते हुये इन मुश्किलों का सामना करना चाहिये।
2. बच्चे की हर मांग को पूरा करने से बचें- इकलौता बच्चा होने की वजह से आप उसकी हर मांग को पूरा करना चाहते हैं पर आपको यह समझने की जरूरत है कि उसकी हर मांग, हर बार पूरी नहीं की जा सकती, खासकर तब, जब वह नाराज हो जाये और इस बात पर अपनी प्लेट में आधा खाना छोड़ दे। इस समय, माता-पिता होने के नाते बच्चे को समझाने की कोशिश करें और खाने की अहमियत का एहसास कराने के लिये उसे बतायें कि कैसे उसकी उम्र के बहुत से बच्चे कई रातों तक भूखे पेट ही सोते हैं।
3. मन की शांति के लिये प्रार्थना करना- पेट भरने के लिये भोजन, रहने के लिये घर और दूसरे सुख हमें अपने गुरू और ईश्वर की कृपा से ही मिलते हैं और उन्हें धन्यवाद देने के लिये जब हम प्रार्थना करते हैं तो इससे हमारे मन को बहुत शांति मिलती है इसलिये अपने बच्चे को प्रार्थना की अहमियत के बारे में बतायें। उसे बार-बार याद दिलायें कि जो कुछ वह खाता या पहनता है, उन सभी चीजों के लिये उसे ईश्वर का शुक्रगुजार होना चाहिये और ऐसा करने से ही वह इस सभी चीजों की अहमियत जान सकेगा। याद रखें, बच्चों को मिसाल देकर समझाये जाने पर वे सबसे ज्यादा सीखते हैं, इसलिये जरूरी है कि जो भी सीख आप बच्चे को दें, खुद भी उसका पालन करें तभी वह उन सीखों पर चलना सीखेगा।
4. अपनी चीजों को दूसरों के साथ बांटने से होने वाली खुशी- अगली बार जब आपका बच्चा अपना जन्मदिन किसी बड़े होटल में मनाने की जिद करे तो ऐसा करने के लिये शाम का समय तय करें। सुबह के समय आस-पास के किसी वृद्धाश्रम या अनाथालय जाने की योजना बनायें, वहाँ मिठाईयां या कोई और काम आ सकने वाली चीज जैसे कपड़े, नज़र के चश्मे, बूढ़े लोगों को चलने में सहारा देने वाली लाठी या पढ़ने की किताबें जैसी चीजों को सभी लोगों को बाटंे। यह बच्चे के अंदर अपनी चीजों को दूसरों के साथ बांटने का सार्थक एहसास पैदा करेगा और ऐसा करने से उसे खुद बहुत खुशी होगी।
5. सोने से पहले कहानियां सुनाना- बच्चों को सोने से पहले कहानी सुनाने की परंपरा को फिर से शुरू करें। बच्चे को कोई दिलचस्प या असल जिदंगी की कहानियां सुनाते समय इनसे मिलती-जुलती अपने जीवन की घटनाओं और पलों को अपने बच्चे के साथ बांटे। यह करने से पहले अपने लैपटाॅप, मोबाइल या ऐसी सभी चीजों को बंद कर दें जो आपका ध्यान भटकायें और केवल अपने बच्चे पर ध्यान दें। हो सकता है कि बच्चा भी अपने दिन भर की बातों के बारे में आपको बताये। बच्चे की बातों को सुनते समय याद रखें कि ऐसा करके आप उसे वह सबसे कीमती उपहार दे रहे हैं, जो एक इंसान ही दूसरे इंसान को दे सकता है- वह है ध्यान से उसकी बातें सुनना।
यह कुछ तरीके हैं जिन्हें मैंने खुद अपनाया है जिससे यह तय हो सके कि मेरा बच्चा एक नेक और जज्बाती इंसान होते हुये बड़ा हो।
इस बारे में मुझे आपकी राय और सुझावों को जानकर अच्छा लगेगा। इस लेख को अन्य लोगों के लिये ज्यादा उपयोगी बनाने के लिये अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें और अपने माता-पिता होने का आनंद लें।
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